रूपान्तर :रचना श्रीवास्तव
माई बुलावै
अगना मा खेलैय
नन्द पियारा
2
2
खुस मईया
जनम जे लिहीन
कृस्न कन्हैया।
3
रोय दिहिस
माई से बिदाई कै
कठिन बेला
4
आइस हुच
माई करत याद
बेटवा दूर
5
माई हमेसा
करतै रही त्याग
थकतै नाही
6
रोय दिहिस
माई से बिदाई कै
कठिन बेला
4
आइस हुच
माई करत याद
बेटवा दूर
5
माई हमेसा
करतै रही त्याग
थकतै नाही
6
सिरहनवा
बैईठे माई ,सोये
नाही रतियाँ
7
पिरेम सीढ़ी
झूठ दिवरवा, न
कबहूँ चढ़ी ।
8
मुहवा पर
चन्दनिया ओढ़नी
मुहवा पर
चन्दनिया ओढ़नी
चाँद के नाथ
9
लौउटि घरे
हवा देत संदेसा
परदेसी -सा
10
पियासा सागर
सुरज ठनढाय
जरत चाँद
लौउटि घरे
हवा देत संदेसा
परदेसी -सा
10
पियासा सागर
सुरज ठनढाय
जरत चाँद
11
पियार बिना
बनाइब मुस्किल
आसियाना है
12
जबहीं मिली
सफ़र मा हमका
धुपही मिली
13
हमरे दुःख
कै, अन्धड़ जे चलै
जीना दुस्वार
14
चुप समुदर
हिलत लहरिया
किनरवा पै
15
जे बान्धे बाटे
रिस्तौं कै मधुरता
15
जे बान्धे बाटे
रिस्तौं कै मधुरता
ऊ है बन्धन
16
समाये दुःख
गहिर समुदर
दिल तोहार
17
रहें खुसियाँ
तोहरे दामन के
महकावत
गहिर समुदर
दिल तोहार
17
रहें खुसियाँ
तोहरे दामन के
महकावत
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