Sunday, June 12, 2011

डॉ सतीशराज पुष्करणा;अवधी हाइकु


रूपान्तर : रचना श्रीवास्तव , डैलास , यू एस ए
1
हमरा गाँव
न उहाँ बाटे नदी  
 नइखे नाव
2
कुतवा खाये
रोटी
,कैइसन समय
मनई
  बोटी  
3
मकनवा
  मा
उजियारा देखैन 
 लागल घर
4
 बुढिया  दादी  
 अजहूँ गऊँवा कै
 पहिचान है
5
 निदिया आई
 अँधिया के तकिया
बनाई लेयो
6
 रहिया मा हो
 काँटा -फूल, हमका
तो चलेक बा
7
 हरहरात
 नदी बा या तोहार
 खुलल  हँसी
8
 दुःख  होत है
 बुढ़ापा जैईसन
 आवत है  
9
 आई  रतिया
 तौ  दिन कै बतियाँ
 मिल कै करीं
10
हँसा ऐ दोस्त
रोये से ई रतिया
छोट न होई
11
 हल्का समझ 
खोलैंव पाती
,दिल
गरु होई गै
12
 बचपनवा 
छोड़,सीधा जवान 
 होत है बच्चे
13
खुसी नाही दी
 पर , दुःख जरुर
बाटेन हम
14
 पिरेम दई
तोहरे बचा काव ?
जऊन माँगी !
15
 तोहरे याद
के
, सूरज से अब
कटत
  रात
16
कुलही  रिस्ता 
 ख़तम होईगा ,जे
 सच बोलैन
17
 पनिया काँपा
 खड़ा कौनो पियासा
नदिया तट l
18
कटै  जीवन
मिलै कोऊ आपन 
खोजत हईं l
19
उतरि आवा
 तोहरी सकल मा
 चाँद दिल मा 
20
 परकिर्त -सा 
 दिलवा नाही  माने
कौऊनो  सीमा
21
बहुत याद
देई के गै केहू कै
तनिक साथ
22
 मन हटे न
धूर
, कईसे खिलै
मन मा फूल
l
23
जिदिया न
 हथवा नाही आये
भागत पल
  l
24
बरतनवा
 न टकराए  जहाँ  
 ऊ घर नाही
25
होठवा सिया
ते का !अँखिया खुली
बोल देहियें
26
दिन रतियाँ
बतिया- सी जलत
हमरी माई
27
हँसत देख
अइसन लाग,  
ढेर दुखी है
l
28
दुःख केहू कै
पर भीगत जात
 मोर अखियाँ
29
 हर रिस्ता मा
बिटियै सहत है
दुःख हमेसा
30
 दुलारे पली
 दहेज़ अगिया मा
 बिटियै जली
31
मोरे अँगना
आवतीं जे चिरैया
खुसी लावतीं 
32
 कच्चो घड़वा
 होइगै  नदी पार 
 सच्चा पियार
33
नाही किनारा
डूब गयन हम 
ऊ आँखिन मा
34
मिटै थकान
   
देखकर
  बच्चा कै
सुभ मुस्कान

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