Sunday, June 12, 2011

-डॉ अमिता कौण्डल:अवधी हाइकु


रूपान्तर : रचना श्रीवास्तव , डैलास , यू एस ए
1
करत पूजा
हमरे ग्रह सांति
खातिर , माई l
2
 पायों परभू ,
मूरत मईया मा 
धन्य भययों l
3
पहिला गुरु
सिखावत संस्कार
कहत माई l
4
झीन कै तारा 
 दिल का उजियारा
मोर दुलारा l
 5
भोली बतियाँ 
हँसत ऊ  अखियाँ
 देवत  चैन I
6
 तोहार याद
 नाही जात  बलम
 जात रतियाँ
7
तू नाही आयो
 याद चलि  आइस
 ई जात नाही l
8
आस दियवा
जरत  रतिया मा
हमरे  संग
9
दियवा जरि
कै ,हमरे  संगवा
बुझहि गै
10
चन्दा डूबीगै
भय निक कै  भोर
तू नाही आयो
-0-
                               

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